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आत्मा के संकल्प: संसार के मिथ्या रहस्य का खुलासा
आत्मा और उसके संकल्पों का महत्व हमारे जीवन में अद्भुत है। ऋषि अष्टावक्र के शब्दों में छिपी एक गहरी ज्ञान के साथ हम देख सकते हैं कि आत्मा के संकल्प हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं और हमें संसार के रहस्य को कैसे समझना चाहिए। इस लेख में, हम अष्टावक्र ऋषि के उपदेशों को…
इंद्रियों से अलग होकर, आप स्वतंत्र हैं: अष्टावक्र के उपदेश
भारतीय धार्मिक ग्रंथों और दर्शनिक विचारों में आत्मा की महत्वपूर्ण भूमिका है। अष्टावक्र गीता, जिसे अष्टावक्रि भी कहा जाता है, एक ऐसा महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो इस दृष्टिकोण को प्रकट करता है कि इंद्रियों से अलग होकर हम स्वतंत्र हैं, और जब हम इसे समझते हैं, तो हम अपनी इच्छानुसार जी सकते हैं। इस लेख…
आत्मा का अद्वितीय साक्षात्कार: अष्टावक्र के उपदेशों का अर्थ
आध्यात्मिक जीवन में, आत्मा का महत्वपूर्ण साक्षात्कार करने का संदेश अपने विचारों और आचरणों के माध्यम से बहुत सी धाराओं में दिया गया है। अष्टावक्र ऋषि का उपदेश भी इसी धारा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके विचारों के माध्यम से हम आत्मा का आदर्श जान सकते हैं और अपने जीवन को उसके प्रकार से…
अज्ञान से तुम मोती में चांदी देखते हो: आत्म-अज्ञान और लोभ का संबंध
आत्म-अज्ञान और लोभ, ये दोनों ही मानव मन के गहरे कोनों में छिपे होते हैं। अष्टावक्र, एक महान ऋषि, ने इस गहरे संबंध को बताया है – “जब अज्ञान से तुम मोती में चांदी देखते हो तो लोभ उत्पन्न होता है। आत्म-अज्ञान से उस संसार की इच्छा उत्पन्न होती है जहाँ इंद्रियाँ घूमती हैं।” इस…
बुद्धिमान व्यक्ति: अष्टावक्र के दर्शन का राह
भारतीय धार्मिक ग्रंथों में, जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने वाले अनगिनत शिक्षक हुए हैं। अनेक दर्शनिक और महात्मा ने जीवन की सच्चाई को खोजते हुए अपने अनुभवों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया है। इनमें से एक दर्शनिक अष्टावक्र थे, जिनके उपदेशों में आत्मा के अस्तित्व की गहरी समझ है। उनके शब्दों से…
समुद्र में लहरों की भाँति: आपका आत्मा और संसार
जीवन का एक अद्वितीय तत्त्व है – समुद्र। समुद्र, जिसमें लहरें सदैव आती जाती रहती हैं, हमारे आत्मा के साथ एक गहरा संबंध बनाता है। अष्टावक्र ऋषि के शब्दों में, “समुद्र में लहरों की भाँति संसार तुम्हारे भीतर उठता है । ये सच है! आप स्वयं जागरूकता हैं।” इस लेख में, हम जानेंगे कि हमारी…