दशहरा: रावण की प्रवृत्ति का समूल नाश

रावण, रामायण महाकाव्य के अंतर्गत दिखाए गए एक राक्षस का नाम है, जिन्होंने प्राचीन भारतीय कथाओं में अपनी विशेष स्थिति बनाई। हम सभी जानते हैं कि रावण एक असुर थे, लेकिन इसके पीछे छुपी गहराई में कुछ और है।

रावण एक प्रवृत्ति है

रावण एक चरित्र नहीं, बल्कि एक प्रवृत्ति है, जो हर मनुष्य के अंदर विराजमान रहती है। यह प्रवृत्ति कभी-कभी कर्मों में और कभी व्यवहार में प्रकट होती है। हम सभी अपने जीवन में इस प्रवृत्ति के साथ सामना करते हैं, चाहे हम इसके पहलू को सच कहें या न कहें।

रावण के वृत्तियों का समूल नाश ही दशहरा है

दशहरा हमारे जीवन का महत्वपूर्ण पर्व है, जो हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में रावण जैसी दुर्बलताओं और दुश्मनों को परास्त करना है। इसे हमारी अच्छी और बुरी प्रवृत्तियों के खिलाफ एक महायुद्ध के रूप में भी देखा जा सकता है।

दशहरा का महत्व है कि यह हमें याद दिलाता है कि हमें अपने जीवन में उन नकारात्मक प्रवृत्तियों का समूल नाश करना होता है, जो हमारी प्रगति के माध्यम बन सकती हैं।

दशहरा के इस पावन मौके पर, हमें अपने अंदर के रावण को पहचानने और उसे श्रीराम के नाम का अस्त्र बनाने की कोशिश करनी चाहिए। यही हमारे जीवन का सारांश है, और हमें इसे अपनाना चाहिए, ताकि हम सच्चे मानव बन सकें।

इस दशहरा, हमें अपने अंदर के रावण को हराने का प्रयास करना चाहिए और अपने जीवन को एक नई शुरुआत करने का संकेत देना चाहिए। श्रीराम के प्रेरणास्त्र से हमें हमेशा सत्य और धर्म का पालन करने की मार्गदर्शन मिलती है। इससे हम अपने जीवन को एक मानवता और सद्गुणों से भरपूर बना सकते हैं।

दशहरा के इस त्योहार को मनाने के साथ हम आपसी सौहार्द और एकता के साथ मनाते हैं, क्योंकि श्रीराम ने भगवान शिव के आशीर्वाद से रावण को परास्त किया और अच्छाई ने बुराई को प्रभावी तरीके से हराया।

इस दशहरा, हमें अपने जीवन को साच में अच्छा और पवित्र बनाने का प्रतिबद्ध रहना चाहिए। यह एक नई शुरुआत का समय है, जब हम अपने बुरे गुणों को हराकर अच्छे गुणों को अपना सकते हैं।

दशहरा हमें याद दिलाता है कि श्रीराम के नाम का अस्त्र हमें बुराई और पाप से मुक्ति दिलाता है। इस दिन, हम सबको अपने जीवन में नेकी और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

इस दशहरा पर, हमें रावण की प्रवृत्तियों के खिलाफ लड़ने की आदत डालनी चाहिए और श्रीराम की तरह न्याय और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए। इससे हम अपने जीवन को संतुलित और धार्मिक बना सकते हैं, और एक समर्पित और सफल जीवन जी सकते हैं।

दशहरा के इस पावन मौके पर, हमें अपनी दुर्बलताओं और दुश्मनों को परास्त करने का आलंब बनाना चाहते हैं और अपने जीवन में सच्चे मानवता के माध्यम से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करने का संकेत देते हैं। दशहरा हमारे लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक होता है, जो हमें सत्य, धर्म, और प्रेम के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

इस त्योहार के माध्यम से, हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का आलंब बना सकते हैं और दुर्बलताओं को पार करके अपनी सफलता की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए, आइए हम सभी मिलकर दशहरा को एक नई शुरुआत के रूप में मनाएं और अपने जीवन को अच्छाई और सच्चाई के मार्ग पर ले जाएं।

दशहरा की आपके और आपके परिवार के लिए शुभकामनाएँ!

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